निगरानी 24: (गगन पंवार)
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सबसे ईमानदार प्रशासक माननीय उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, राजधानी की सरकारी भूमि को अतिक्रमणकारियों के कब्जे से मुक्त करवाने के लिए डीडीए और एमसीडी को कड़े आदेश जारी कर चुके हैं। हाल ही में महोदय ने कहा था कि दिल्ली देश की राजधानी हैं, इसे स्वच्छ सुंदर बनाए रखने के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को ईमानदारी के साथ अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए। परंतु, दिल्ली नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन में शीर्ष अधिकारियों और उनके द्वारा जोनल वार्ड में तैनात सामान्य शाखा के लाइसेंस इंस्पेक्टर, सरकारी भूमि पर सड़क किनारे बनाए पैदल पथ पर खुलेआम कब्जा करवा अपनी और अपने शीर्ष अधिकारियों की लंबी जेबें भर रहे हैं। बताया गया जोनल के कृष्णा नगर वार्ड में दिल्ली जूस कॉर्नर दुकान के मालिकों ने जनता के पैदल चलने के लिए सड़क किनारे बनाई गई पटरियों को भी गायब कर उस पर पूरा मालिकाना हक जमा लिया हैं। यहीं नहीं, जोनल शीर्ष अधिकारी भी इस अनैतिक कार्य के खिलाफ़ कार्रवाई करने से कतराते हैं। साफ है,कि चंदे के धंधे में एलजी साहब,निगमायुक्त साहब का आदेश मंदा पड जाता है। उदाहरण के तौर पर कृष्णा नगर स्थित दिल्ली जूस कॉर्नर नामक दुकान पर ये देखा जा सकता हैं। जहां, दिल्ली जूस कॉर्नर नामक दुकान के मालिक ने बिना निगम की अनुमति लिए "दिल्ली जूस कॉर्नर" नामक बड़े बड़े बोर्ड लगा रखे हैं। जिसका पहले भी सर्वे किया जा चुका हैं। इस पर शीर्ष अधिकारियों की चुप्पी कुछ और ही बयां करती हैं। बहरहाल, जो भी हो दुकान की आड़ में सरकारी भूमि पर कब्जा करवाने वाले निगम अधिकारियों की जांच राजधानी के सबसे ईमानदार प्रशासक श्री विनय कुमार सक्सेना और निगमायुक्त अश्वनी कुमार जांच एजेंसियों से करवाए, तो बड़े मगरमच्छों से लेकर छोटी मछली तक गाज गिर सकती है।